27 की उम्र में गैंगस्टर, दरभंगा डबल इंजीनियर हत्याकंड से मचाई सनसनी; पढ़िए विकास झा से कालिया बनने की कहानी

एक 27 साल का युवक अपने जीवन में क्या कर रहा होता है। कोई कहेगा नौकरी करता होगा। किसी के लिहाज से पढ़ाई और कोई अपना पारिवारिक जीवन शुरू करने की योजना बना रहा होगा। इस साधारण से सवाल के कई साधारण जवाब हो सकते हैं।

हालांकि, हम आपको बिहार के एक ऐसे कुख्यात की कहानी बताने जा रहे हैं, जो 27 साल की उम्र में गैंगस्टर, शार्प शूटर, कान्ट्रैक्ट किलर जैसे कई आपराधिक नामों से मशहूर है। फिलहाल वह दिल्ली के तिहाड़ जेल में बंद है, जहां देश के एक से एक खूंखार अपराधी कैद हैं। हम बात कर रहे हैं कि विकास झा उर्फ कालिया की। बिहार का शायद ही कोई जिला होगा, जो विकास झा के खूनी वारदातों से अछूता है।

शुक्रवार को विकास झा को दिल्ली से बिहार लाया गया, तो प्रदेश में चर्चा का विषय बन गया। सीतामढ़ी जंक्शन पर उसके ठाठ-बाट देखने लायक थे। आंखों पर काला चश्मा और आगे-पीछे पुलिसकर्मियों के बीच कालिया के तेवर किसी फिल्मी विलेन से कम नहीं थे। स्टेशन से थाना तक चप्पे-चप्पे पर पुलिस मुश्तैद थी। शुक्रवार को नगर थाना में रखने के बाद शनिवार को शिवहर कोर्ट में उसकी पेशी हुई और उसी रात वापस तिहाड़ जेल के लिए दिल्ली रवाना कर दिया गया।

विकास झा उर्फ कालिया तो चला गया लेकिन क्राइम वर्ल्ड में उसके अपराध के किस्से एक बार फिर ताजा हो गए। बेहद कम उम्र में उसने जरायम की दुनिया में बड़ा नाम स्थापित किया। विकास झा से कालिया बनने की कहानी दिलचस्प और डरावनी है।

विकास झा मूलरूप से सितामढ़ी के बथनाहा थाना स्थित बथनाहा पूर्वी टोल का रहने वाला है। चार-भाई बहनों में वह सबसे बड़ा और इकलौता भाई है। वर्तमान में उसपर दो दर्जन से अधिक हत्याकांड दर्ज हैं। इनमें दरभंगा के बहेड़ी में साल 2015 दिसंबर में डबल इंजीनियर हत्याकांड के बाद वह सुर्खियों में आया और उसके नाम का दहशत कायम हो गया।

वैसे तो पंद्रह साल की उम्र में ही वह गांव के एक अंडा व्यवसायी सुरेश महतो की हत्या कर अपराध की ओर उन्मुख हो गया था। तब वह गांव में मोबाइल बनाने का काम करता था और पैसे के विवाद में ही उसने अंडे वाले को मौत के घाट उतार दिया। किशोरावस्था में हत्या के कारण उसको मुजफ्फरपुर बाल सुधार गृह भेजा गया, लेकिन वह वहां से भाग निकला।

संतोष झा का बेहद खास था विकास

विकास झा का नाम गैंगस्टर संतोष झा के कारण जाना जाता है। संतोष झा नार्थ लिबरेशन आर्मी का चीफ था। कालिया ने उसके गैंग के लिए काम करते हुए नाम और पैसे कमाए। 90 के दशक में संतोष झा उत्तर बिहार का सबसे कुख्यात गैंगस्टर था। उसके गिरोह का मुख्य निशाना सरकारी ठेकेदार, बिल्डर और इंजीनियर हुआ करते थे। कोई भी सरकारी प्रोजेक्ट शुरू होते ही निर्माण साइट पर संतोश झा का पर्चा पहुंच जाता था।

काम शुरू करने की एवज में करोड़ों रुपये रंगदारी वसूली जाती थी। मांग पूरी नहीं होने पर दिनदहाड़े गोलियों से भून दिया जाता। संतोष झा के गिरोह में विकास झा को पांच हजार रुपये माहवार मिलने लगे। विकास झा संतोष झा का बेहद खास आदमी था। संतोष झा की मौत के बाद विकास ने उसकी बेटी से शादी कर ली।

संतोश झा के गैंग में मिलते थे पांच हचार प्रतिमाह

बाद में उसने बेलसंड के मारड़ घाट के पास पुल निर्माता एजेंसी के प्रोजेक्ट मैनेजर, लखनऊ के शारदानगर रजनीखेर निवासी व अभियंता, यूपी के बहराईच जिले के एलआरपी कॉलोनी निवासी विकास मिश्रा की हत्या में लाइनर का काम किया। इस वारदात के बाद संगठन में विकास झा का कद व पैसा बढ़ गया।

अब उसे बतौर माहवार दस हजार मिलने लगे। इसके बाद विकास झा कालिया के नाम से प्रसिद्ध हो गया। वह संतोष झा एंड कंपनी में युवा पीढ़ी को शामिल कराने में लग गया। इसमें उसे सफलता भी हासिल हुई। इस तरह वह एक-एक कर बिहार में बड़ी वारदातों को अंजाम देता गया।

मामूली अपराधी से बन गया शार्प शूटर

इस क्रम में उसने विश्वनाथपुर में बदमाश धर्मनाथ यादव उर्फ धर्मा पर भी जानलेवा हमला किया, जिसमें धर्मा बाल-बाल बच गया। बताया जाता है कि जेल में बंद रहने के दौरान धर्मा ने संतोष झा गैंग के सदस्यों के साथ मारपीट की थी। इसलिए विकास झा ने धर्मा पर गोली चलाई गई थी।

विकाश झा को मामलू अपराधी से शार्प शूटर बनने में देर नहीं लगी। उसने 31, जुलाई 2013 को बाजपट्टी के मसहा गांव में पटना के कंकड़बाग स्थित पुल निर्माता कंपनी सिलीकोना टेक इंडिया प्राईवेट लिमिटेड कंपनी के संवेदक अनुपम कुमार की अपने सहयोगियों के साथ मिलकर हत्या कर दी। इसके अलावा बेलसंड व लगमा में कई अभियंता व संवेदकों की हत्याकांड में भी उसने अहम भूमिका निभाई।

कोर्ट परिसर से हथकड़ी लगे फरार हुआ

इन वारदातों को अंजाम देने के बाद विकास नेपाल के काठमांडू भाग गया था। 18 अगस्त 2013 को एसटीएफ पटना की टीम ने नेपाल से संतोष झा गिरोह के कान्ट्रैक्ट किलर विकास झा और चिरंजीवी सागर को गिरफ्तार किया था।

हालांकि, 3 फरवरी, 2014 को पेशी के दौरान विकाश झा कोर्ट परिसर से हथकड़ी के साथ फरार हो गया। इस दौरान उसने संतोष झा गैंग में रहकर सीतामढ़ी, मुजफ्फरपुर, दरभंगा के अलावा उत्तर बिहार के तमाम जिलों में अनेक वारदातों को अंजाम दिया।

संतोष झा की हत्या के बाद बना गैंग लीडर

साल 2015 में सीतामढ़ी कोर्ट में पेशी के दौरान गैंगस्टर संतोष झा की हत्या कर दी गई। इसके बाद विकास झा गैंग लीडर बन गया। अब संतोश झा के सारे काले कारनामों को कालिया हैंडल करने लगा था। 2015 में ही बिहार के सबसे चर्चित दरभंगा दोहरा इंजीनियर हत्याकांड के बाद विकाश झा का नाम सुर्खियों में आ गया। रातोंरात उसकी गिनती राज्य के शीर्ष अपराधियों में गिना जाने लगा।

डबल इंजीनियर हत्याकांड से चर्चा में आया नाम

दरअसल, 26 दिसंबर, 2015 को दरभंगा के बहेड़ी थाना इलाके के मध्य विद्यालय शिवराम के निकट बाइक सवार बदमाशों ने दिनदहाड़े एसएच-88 का निर्माण करा रही सी एंड सी/बीएससी ज्वाइंट वेंचर कंपनी के अभियंता मुकेश कुमार और ब्रजेश कुमार को एके-47 से भून डाला था। इस हत्याकांड के हमलावरों में विकाश झा खुद शामिल था। घटना को अंजाम देने के बाद अपराधियों ने संतोष झा के राइट और लेफ्ट हैंड माने जाने वाले मुकेश पाठक और विकास झा जिंदाबाद के नारे लगाए थे।

कोर्ट ने सुनाई उम्रकैद की सजा

दरभंगा डबल इंजीनियर हत्याकांड के शूटर विकास झा उर्फ कालिया समेत तीन शातिरों को पुलिस ने 31 दिसंबर 2015 को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस जांच में घटना के पीछे निर्माण कंपनी से रंगदारी की मोटी रकम उगाही की बात सामने आई। इसमें कुख्यात संतोष झा गिरोह (पीपुल्स लिबरेशन आर्मी) के हाथ होने के संकेत मिला। इस मामले में कालिया को कोर्ट ने उम्र कैद की सजा सुनाई थी।

पुलिस की आंखों में मिर्ची झोंक तीसरी बार भागा

हालांकि, इस हत्याकांड में पकड़े जाने के बाद उसी साल अगस्त में वह बिहार के भागलपुर में पेशी के दौरान तीसरी बार फरार हो गया। भागलपुर के जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज और अस्पताल, मायागंज स्थित कैदी वार्ड में उसे भर्ती कराया गया था, जहां होमगार्ड जवान की आंखों में मिर्ची पाउडर झोंक कर वह भाग निकला।

अगले चार साल तक बिहार पुलिस उसे देशभर में ढूंढती रही। आखिरकार, विकास झा उर्फ कालिया को 2019 में दिल्‍ली से तीसरी बार गिरफ्तार किया गया। फिलहाल वह डबल इंजीनियर हत्याकांड में दिल्ली के तिहाड़ जेल में उम्र कैद की सजा काट रहा है।