28 अगस्त को फिर से बृजमंडल यात्रा, राइफल उठाने की अपील; हिंदू महापंचायत में क्या-क्या हुआ

नूंह हिंसा के बाद हरियाणा के पलवल जिले में हिंदू समाज ने महापंचायत आयोजित किया गया। पुलिस ने पहले ही कहा था कि इस महापंचायत को कई शर्तों पर ही आयोजित करने की अनुमति दी गई है। इन शर्तों में हेट स्पीच नहीं देना भी शामिल था। पलवल में आयोजित इस महापंचायत के दौरान गौ रक्षक दल के आचार्य आजादी शास्त्री ने कहा, यह करो या मरो की हालत है। इसके साथ ही उन्होंने युवाओं से बंदूक उठाने की भी अपील की है। इस महापंचायत के दौरान हिंदू समाज के लोगों ने कई अहम मांगें भी उठाई हैं। महापंचायत में मांग उठाई गई है कि हरियाणा में हुई हिंसा में मारे गए लोगों के परिजनों को 1 करोड़ रुपया और सरकारी नौकरी दी जाए। इस हिंसा में घायलों को 50 लाख रुपये मुआवजा देने की मांग की गई है।

बांग्लादेशी और रोहिंग्याओं को बाहर भेजने की अपील इस महापंचायत के दौरान की गई है। इसके अलावा दंगा करने वालों की पहचान कर उनकी संपत्ति कुर्क करने की मांग भी महापंचायत में शामिल हिंदू समाज के लोगों ने उठाई है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पलवल में हिंदू महापंचायत के दौरान यह भी फैसला लिया गया कि 28 अगस्त को दोबारा बृजमंडल यात्रा निकाली जाएगी। हालांकि, तारीख बदल भी सकती है।

इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट के मुताबिक, आर्याय शास्त्री ने कहा, ‘हमें जल्द से जल्द मेवात में 100 हथियारों का लाइसेंस सुनिश्चित करवाना चाहिए। इसमें गन नहीं बल्कि राइफल होना चाहिए क्योंकि राइफल से लंबी दूरी पर फायरिंग मुमकिन है। यह एक करो या मरो की स्थित है। देश का बंटवारा हिंदू औऱ मुसलमान के आधार पर हुआ था। गांधी की वजह से मुस्लिम मेवात में रह गए।’

शास्त्री ने इस मौके पर युवाओं से कहा कि एफआईआर से डरने की जरुरत नहीं है। हमें एफआईआर नहीं डरना चाहिए। मेरे खिलाफ भी एफआईआर है लेकिन हमें डरना नहीं चाहिए। बता दें कि नूंह हिंसा के विरोध में रविवार को नूंह-पलवल सीमा पर पलवल जिले के पोंडरी गांव में हिंदू समाज की महापंचायत हुई है। इसमे सभी बिरादरी के लोग शामिल हुए। हरियाणा के विभिन्न जिलों से लोग इस महापंचायत में पहुंचे। महापंचायत को देखते हुए बड़ी संख्या में हरियाणा पुलिस और अर्धसैनिक बलों के जवान तैनात किए गए हैं।